विभाग के बारे में:-
बलिया जनपद में जे0एन0सी0यू0 की
स्थापना उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य विश्वविद्यालय के रूप में 22
दिसंबर 2016 को हुई । वर्ष 2018 तक विश्वविद्यालय केवल
प्रशासनिक गतिविधियों में संलग्न रहा । वर्ष 2018 से यहाँ पठन-
पाठन का कार्य आरम्भ हुआ । हिंदी विभाग की स्थापना वर्ष
2018 में हुई । स्नातकोत्तर हिंदी की कक्षाएं वर्ष 2019 में प्रारंभ
हुई । शुरुआत में 20 छात्रों के साथ पठन-पाठन की गतिविधि शुरू
हुई थी । आज विभाग में 120 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं । विभाग में
एक आचार्य, दो सह-आचार्य और चार सहायक आचार्य के पद
स्वीकृत हैं, जिसके सापेक्ष वर्तमान में चार सहायक आचार्य
कार्यरत हैं ।
Mission & Vision
मिशन –
-
भोजपुरी साहित्य का विकास करना एवं उचित स्थान दिलाना ।
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लोक साहित्य एवं संस्कृति की विलुप्त होती थाती को संरक्षित करना ।
- भाषा विज्ञान और हिंदी की बोलियो का विशेष अध्ययन करना ।
- साहित्य सिद्धांत एवं आलोचना के अध्ययन पर बल देना ।
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समकालीन महत्त्वपूर्ण अवधारणाओं एवं रचनात्मकता
की दिशा में नवाचार की पद्धति विकसित करना |
-
मीडिया एवं सिनेमा के रोजगारपरक अध्ययन एवं
प्रशिक्षण ।
विज़न –
राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा पर
विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है और मातृभाषा के महत्त्व को
रेखांकित किया गया है । इस आलोक में हिंदी भाषा एवं साहित्य
के पठन पाठन एवं शोध नवाचार पर विशेष ध्यान दिया
जाएगा । हिंदी भाषा एवं समाज वस्तुत: लोक से समृद्ध होता है।
इस कड़ी में लोक भाषाओं का अद्भुत योगदान हिंदी के विकास
में है । उल्लेखनीय है कि बलिया जनपद एवं यहाँ के समीपवर्ती
क्षेत्रों की लोकभाषा भोजपुरी है जिसकी एक समृद्ध सांस्कृतिक
परंपरा है । आधुनिकता के दबाव में लोकभाषा ही नहीं अपितु लोक संस्कृति भी हाशिए पर पहुँच गयी है । किंतु एक बार पुन:
अपने लोग संस्कृति और माटी के प्रति जुड़ाव जाग रहा है । इस
परिप्रेक्ष्य में हिंदी विभाग का यह प्रमुख दायित्व होगा कि
भोजपुरी, लोक साहित्य, लोक संस्कृति को संरक्षण प्रदान करें ।
भाषा, साहित्य-सिद्धांत, समकालीन महत्त्वपूर्ण अवधारणाओं,
रचनात्मकता, मीडिया एवं सिनेमा के अध्ययन-अध्यापन एवं
शोध के द्वारा विद्यार्थियों को नियोजन के समकालीन वातावरण
के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाएगा । यदि हम बलिया के ख्यात
साहित्यकारों की रचनाओं का अनुशीलन करें तो उनके अंदर
लोक चेतना से गहरे लगाव के अतिरिक्त विभिन्न साहित्यिक
प्रवृतियों से लगाव मिलता है और इस प्रकार की साहित्यिक
विरासत का विस्तार हुआ है । विभाग अपने छात्रों में ऐसा ही
संस्कार देने का यत्न करेगा, जिससे उनकी रचनाधर्मिता एवं
आलोचकीय व्यक्तित्व का विस्तार हो । हिंदी विभाग
विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को बेहतर शिक्षण एवम् प्रशिक्षण देने के
लिए संकल्पबद्ध है |
लघुकालीन उद्देश्य-
- विभाग में शोध गतिविधियों को प्रारंभ करना।
-
संगोष्ठी, कार्यशाला, कविगोष्ठी एवं साहित्यिक गोष्ठी का
नियमित अंतराल पर आयोजन करना ।
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विद्यार्थियों को भाषायी शुद्धता के प्रति जागरूक करना।
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लोक साहित्य एवं लोक संस्कृति के संरक्षण की ओर प्रवृत्त
होना।
-
पी.जी.डी.जे.एम.सी. के साथ मिलकर मीडिया का
प्रशिक्षण देना ।
दीर्घकालीन उद्देश्य-
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हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओ के साथ-साथ विश्व
भाषाओं एवं उनके श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन |
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शोध एवं नवाचार की प्राथमिकता पर जोर दिया जायेगा ।
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भाषा और साहित्य के शोध पर विशेष बल दिया जाएगा ।
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अंतरानुशासनिक अध्ययन एवं शोध पर विशेष बल दिया
जाएगा ।
-
विभाग में तुलनात्मक साहित्य अध्ययन एवं शोध को
वरीयता दी जाएगी ।
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भाषा विज्ञान एवं अनुवाद के साथ-साथ मीडिया और
सिनेमा पर शोध और संगोष्ठी का आयोजन नियमित
अंतराल पर किया जायेगा ।
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विभाग शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेगा ।
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अंग्रेजी विभाग के साथ मिलकर अनुवाद पर परियोजना
और पाठ्यक्रम का संचालन किया जायेगा ।
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विमर्श केन्द्रित अवधारणा से संबंधित लघु फिल्मों की
प्रस्तुति की जाएगी |
Future/ Strategic Plan
Faculties
S.N. | Name | Designation | Contact No | Email | |
1 | Dr Abhishek Mishra | Assistant Professor | 8910459296 | abhishekmishra.vs@gmail.com |
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|
2 | Dr Praveen Nath Yadav | Assistant Professor | | |
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|
3 | Dr Sandip Yadav | Assistant Professor | 8727901302 | sandipdu131@gmail.com |
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|
4 | Dr PRAMOD SHANKER PANDEY | Assistant Professor | 9919674968 | psp0104@gmail.com |
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